पहली घटना: एक छोटा बच्चा इसलिए मर गया क्योंकि डॉक्टर को उसके दिमाग में चींटियाँ ही चींटियाँ मिली ! जो स्पष्ट करता है कि बच्चा या तो मुँह में कोई मीठी चीज रख के सो गया या या उसके बगल में सोते समय कोई खाने की मीठी चीज रखी रह गई. चींटियाँ उसके पास पहुँच गईं और उसके कान के अंदर घुस गई और वहाँ से किसी तरह उसके दिमाग तक पहुँच गयी. जब बच्चा जागा उसे पता भी नहीं चला की चींटियाँ उसके सिर में पहुँच गई. उसके बाद उसने लगातार अपने चेहरेे में खुजलाहट की शिकायत की. उसकी माँ उसको डॉक्टर के पास ले गई पर डॉक्टर को भी तत्काल कुछ समझ नहीं आया कि उसके साथ क्या परेशानी है.जब उसने बच्चे का X-ray लिया तब घटना की भयंकरता का पता चला। उसने जीवित चींटियों की भीड़ को उसकी खोपड़ी में रेंगते देखा,पर डॉक्टर ऑपरेशन नहीं कर सका क्योंकि चींटियाँ लगातार एक स्थान से दूसरी स्थान तक उसके दिमाग में घूम रहीं थीं। अंत में बच्चा मर गया। अतः बिस्तर में खाते समय कोई भी खाने की चीज बिस्तर के पास न छोड़े । खाने की चीज चींटियों को आकर्षित कर सकती है। और सबसे महत्वपुर्ण बिस्तर में जाने से पहले आप या आपके बच्चों को मिठाई नहीं खानी चाहिए । ऐसा करके आप या आपके बच्चे सोते समय चींटियों को निमंत्रण देंगे।
दूसरी घटना: ऐसी ही सामान घटना ताइवान के हॉस्पिटल में हुई । यह व्यक्ति हॉस्पिटल में एडमिट था। उसे नर्सों के द्वारा लगातार चेतावनी दी गई थी की हॉस्पिटल में चींटियों की समस्या है अतः कोई भी खाने की चीज अपने बिस्तर के पास न रखे। पर उसने उनकी सलाह पे ध्यान ही नहीं दिया। और अंत में चींटियों का शिकार बन गया । उसके परिवार वालों ने बताया की वह लगातार सर दर्द की शिकायत करता था। वह मर गया और उसका पोस्ट मोरटम या ऑटोप्सी किया गया। डॉक्टरों ने उसके सिर में जिन्दा चींटियों का समूह पाया । स्पष्ट बात है की चींटियाँ उसके दिमाग के एक हिस्से को खा रहीं थीं। तो मित्रों, दुःख मनाने से अच्छा सुरक्षित रहना है। जब भी आप सोने जाएं अपने बिस्तर के पास खाने पिने की चीज न छोड़ें। यदि आप किसी के जीवन का ध्यान रखते हैं....... तो सन्देश को आगे भेजें।
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